Today’s word: Madan and Sumitranandan Pant’s poetry.

Today’s word: Madan and Sumitranandan Pant’s poetry.
                
                                                         
                            'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- मादन, जिसका अर्थ है- मादक, मस्त करनेवाला। प्रस्तुत है सुमित्रानंदन पंत की कविता- जीवन की मर्मर छाया में 
                                                                 
                            

जीवन की मर्मर छाया में नीड़ रच अमर,
गाए तुमने स्वप्न रँगे मधु के मोहक स्वर,
यौवन के कवि, काव्य काकली पट में स्वर्णिम
सुख दुख के ध्वनि वर्णों की चल धूप छाँह भर!

घुमड़ रहा था ऊपर गरज जगत संघर्षण,
उमड़ रहा था नीचे जीवन वारिधि क्रंदन;
अमृत हृदय में, गरल कंठ में, मधु अधरों में--
आए तुम, वीणा धर कर में जन मन मादन!

मधुर तिक्त जीवन का मधु कर पान निरंतर
मथ डाला हर्षोद्वेगों से मानव अंतर
तुमने भाव लहरियों पर जादू के स्वर से
स्वर्गिक स्वप्नों की रहस्य ज्वाला सुलगाकर!

तरुण लोक कवि, वृद्ध उमर के सँग चिर परिचित
पान करो फिर, प्रणय स्वप्न स्मित मधु अधरामृत,
जीवन के सतरँग बुद्बुद पर अर्ध निमीलित
प्रीति दृष्टि निज डाल साथ ही जाग्रत् विस्मृत!

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9 hours ago

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