Aishwarya Rai Birthday Interesting Facts; Sushmita Sen Abhishek Bachchan | Salman Khan | ऐश्वर्या राय बच्चन @52, मिस इंडिया में सुष्मिता से हारीं: फ्लॉप फिल्मों से शुरुआत, फिर बनीं ग्लोबल आइकन; बेटी के लिए फिल्मों से बनाई दूरी

Aishwarya Rai Birthday Interesting Facts; Sushmita Sen Abhishek Bachchan | Salman Khan | ऐश्वर्या राय बच्चन @52, मिस इंडिया में सुष्मिता से हारीं: फ्लॉप फिल्मों से शुरुआत, फिर बनीं ग्लोबल आइकन; बेटी के लिए फिल्मों से बनाई दूरी

38 मिनट पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र

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1 नवंबर 1973 को कर्नाटक के मैंगलोर में जन्मी ऐश्वर्या राय आज 52 साल की हो गई हैं।

ऐश्वर्या राय बच्चन की मुस्कान ने दुनिया भर को दीवाना बना दिया। 1994 में मिस वर्ल्ड बनकर उन्होंने भारत का नाम रोशन किया, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। सुष्मिता सेन के साथ शुरुआती तुलना, कुछ फ्लॉप फिल्मों का दबाव और स्टारडम की चमक में खोने का डर—सब कुछ सहा ऐश्वर्या ने।

फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। अपनी मेहनत और फिल्मों में निभाए दमदार किरदार की वजह से ऐश्वर्या ने खुद को साबित किया और ग्लोबल आइकन बनकर उभरीं। मां बनने के बाद जब उन्होंने फिल्मों से दूरी बनाई, तब भी उनकी शालीनता और पहचान बरकरार रही।

आज ऐश्वर्या राय बच्चन के 52वें जन्मदिन पर आइए, उनके करियर और निजी जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प किस्से जानते हैं।

मैंगलोर की साधारण लड़की से विश्व सुंदरी तक

ऐश्वर्या राय ने बचपन से ही एक तेजस्वी व्यक्तित्व दिखाया। पिता कृ्ष्णराज राय मरीन इंजीनियर और मां वृषा राय लेखिका थीं।परिवार के मुंबई बसने के बाद ऐश्वर्या की पढ़ाई आर्य विद्यालय हाई स्कूल और डी.जी. रूपारेल कॉलेज में हुई, जहां उन्होंने आर्किटेक्चर में दाखिला लिया। मगर पढ़ाई के साथ उनका आकर्षण मॉडलिंग की दुनिया की ओर बढ़ चला।

कॉलेज के दिनों में शुरू हुई मॉडलिंग जल्द ही बड़े ब्रांड्स तक पहुंच गई। 9वीं कक्षा में कैमलिन कंपनी के विज्ञापन से मॉडलिंग की शुरुआत हुई और 1993 में पेप्सी विज्ञापन में उनका संवाद “हाय, मैं सन्या हूं” काफी लोकप्रिय हुआ। सादगी और आत्मविश्वास के कारण वे जल्दी फैशन जगत में अपनी पहचान बनाने लगीं।

मिस इंडिया के लिए फिल्म छोड़ी

ऐश्वर्या राय को फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने यह फिल्म करने से मना कर दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उस समय वे मिस इंडिया प्रतियोगिता में भाग लेने के कारण फिल्मों से कुछ समय के लिए दूर रहना चाहती थीं।

ऐश्वर्या ने वोग को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने मिस इंडिया में भाग लेने का फैसला किया। जिसके कारण उन्होंने ‘राजा हिंदुस्तानी’ समेत लगभग चार फिल्मों के प्रस्ताव ठुकरा दिए। अगर वे मिस इंडिया में नहीं जातीं, तो शायद ‘राजा हिंदुस्तानी’ उनकी पहली फिल्म होती।

मिस इंडिया में सुष्मिता सेन से हार गईं

मिस इंडिया 1994 में सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय आमने-सामने थीं। इस प्रतियोगिता में ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन से पीछे रहीं। ऐश्वर्या सेकेंड रनरअप रहीं, जबकि सुष्मिता सेन को यह महसूस हो रहा था कि मिस इंडिया का खिताब ऐश्वर्या राय के लिए पहले से ही तय कर दिया गया है। उस समय ऐश्वर्या पहले से ही एक लोकप्रिय मॉडल और विज्ञापन चेहरा थीं, जबकि सुष्मिता उस वक्त नई थीं।

इस वजह से सुष्मिता को लगा कि प्रतियोगिता में जजों की ओर से ऐश्वर्या को ही विजेता घोषित किया जाएगा। वह चेंजिंग रूम में जाकर फूट-फूटकर रो पड़ी थीं। यहां तक कि सुष्मिता ने तब मिस इंडिया का फॉर्म वापस लेने तक का सोच लिया था।

स्टारडम से घबरा गईं थीं सुष्मिता सेन

एड गुरु प्रह्लाद कक्कड़ ने सुष्मिता को समझाया कि जज निष्पक्ष हैं। अंततः सच यही हुआ कि सुष्मिता सेन ने मिस इंडिया का खिताब जीत लिया जबकि ऐश्वर्या राय सेकेंड रनरअप रहीं। सुष्मिता को लगा था कि ऐश्वर्या की लोकप्रियता और पहले से स्थापित स्टारडम के कारण यह प्रतियोगिता उनके लिए हार जैसी थी, इसलिए उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि ऐश्वर्या जीतेगी, लेकिन परिणाम उल्टा निकला।

एड गुरु प्रह्लाद कक्कड़ ने हाल ही में पत्रकार विक्की लालवानी से बातचीत में बताया कि मिस इंडिया 1994 के दौरान सुष्मिता सेन कैसे भावुक हो गई थीं और मिस इंडिया का फॉर्म वापस लेने तक का सोच लिया था।

19 नवंबर 1994 को ऐश्वर्या ने मिस वर्ल्ड का ताज जीता।

मिस वर्ल्ड बनकर रच दिया इतिहास

मिस इंडिया में सुष्मिता सेन से हारने के बाद ऐश्वर्या राय ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भाग लिया। 19 नवंबर 1994 को ऐश्वर्या ने मिस वर्ल्ड का ताज जीता और भारत गर्व से झूम उठा। नीली आंखों और सहज आत्मविश्वास ने उन्हें तुरंत अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला दी। उसी साल सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीतकर भारत की पहली मिस यूनिवर्स बनीं।

दरअसल, मिस इंडिया की विजेता को मिस यूनिवर्स के लिए भेजा जाता है। इसलिए सुष्मिता सेन को भारत की तरफ मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भेजा गया था। ऐश्वर्या राय मिस इंडिया प्रतियोगिता में सेकेंड रनरअप रहीं, जिसके बाद उन्हें मिस वर्ल्ड के लिए भेजा गया था।

जीत के बाद बढ़ाया भारत का मान

मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड दोनों अलग-अलग संगठनों द्वारा आयोजित की जाती हैं। मिस यूनिवर्स का आयोजन मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन द्वारा किया जाता है, जबकि मिस वर्ल्ड का आयोजन मिस वर्ल्ड लिमिटेड द्वारा किया जाता है। मिस यूनिवर्स में उम्मीदवारों के व्यक्तित्व, बोलचाल और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व पर अधिक जोर दिया जाता है, जबकि मिस वर्ल्ड में सौंदर्य, फिटनेस और सामाजिक उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर अधिक ध्यान दिया जाता है।

मिस वर्ल्ड बनने के बाद ऐश्वर्या ने दुनियाभर में सामाजिक कल्याण और जनसेवा के कार्यों में भागीदारी निभाई।

ऐश्वर्या राय से ना दोस्ती और ना ही दुश्मनी

उस समय अक्सर ऐश्वर्या राय और सुष्मिता सेन के बीच मनमुटाव की खबरें सुनने को मिलती थीं। हालांकि सुष्मिता सेन ने एक इंटरव्यू में यह स्पष्ट किया था कि दोनों ने हमेशा अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया और किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा या मनमुटाव नहीं होने दिया। सुष्मिता सेन ने ऐश्वर्या राय के साथ अपने रिश्ते को लेकर उठ रही अफवाहों पर वाइल्ड फिल्म्स इंडिया के एक इंटरव्यू में स्पष्टीकरण दिया था।

उन्होंने कहा कि वे और ऐश्वर्या न तो दुश्मन हैं और न ही गहरी दोस्त, बल्कि दोनों ने अपने-अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्यूटी पेजेंट के बाद उनके पास एक-दूसरे के साथ समय बिताने का अवसर ही नहीं था। दोनों ने अपने करियर पर ध्यान केंद्रित किया और एक दूसरे के प्रति नकारात्मक भावनाएं नहीं रखतीं ।

सुष्मिता ने इस बात को गलत बताया कि उनके बीच कोई दुश्मनी या प्रतिस्पर्धा है। उनका कहना था कि दोनों ने अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने की कोशिश की, लेकिन एक दूसरे के खिलाफ नहीं।

संजय लीला भंसाली की पहली पसंद नहीं थीं ऐश्वर्या

मिस वर्ल्ड के बाद 1997 में मणिरत्नम की ‘इरुवर’ से उन्होंने अभिनय की शुरुआत की और उसी साल ‘और प्यार हो गया’ से बॉलीवुड में एंट्री ली। हालांकि शुरुआती फिल्में उतनी सफल नहीं रहीं, लेकिन आलोचकों ने उनके अभिनय और स्क्रीन प्रेजेंस की सराहना की।

1999 में रिलीज फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ ने ऐश्वर्या को बॉलीवुड की सुपरस्टार बना दिया। नंदिनी के किरदार में उनकी मासूमियत और भावनात्मक गहराई ने हर दिल जीत लिया। यह फिल्म ऐश्वर्या के करियर की टर्निंग पॉइंट फिल्म थी। हालांकि, ऐश्वर्या इस फिल्म के लिए संजय लीला भंसाली की पहली पसंद नहीं थीं।

सलमान खान की सलाह पर भंसाली ने चुनी ऐश्वर्या राय

भंसाली पहले माधुरी दीक्षित को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उनके डेट्स की समस्या के कारण ऐसा नहीं हो सका। माधुरी के मना करने के बाद, भंसाली ने मनीषा कोइराला के बारे में सोचा, लेकिन मनीषा भी फिल्म नहीं कर पाईं, क्योंकि उस समय मनीषा नेपाल में अपने जीवन का आनंद ले रही थीं। इसके बाद, सलमान खान ने संजय लीला भंसाली को ऐश्वर्या राय का नाम सुझाया। भंसाली ऐश्वर्या की खूबसूरती से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत ऐश्वर्या को फिल्म के लिए चुन लिया।

फिल्म में भूमिका के बारे में ऐश्वर्या ने कई इंटरव्यू में कहा है कि वह नंदिनी की मासूमियत और इमोशनल डेप्थ को निभाने में पूरी तरह डूबी हुई थीं, जिससे यह किरदार इतना यादगार बन पाया। ‘हम दिल दे चुके सनम’ के बाद ऐश्वर्या को ‘ताल,’ और ‘हमारा दिल आपके पास है’ जैसी फिल्मों ने उनकी जगह मजबूत कर दी।

पारो बनकर रचा भारतीय सिनेमा का इतिहास

2002 में संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’ में ऐश्वर्या ने पारो का किरदार निभाया और भारतीय सिनेमा की क्लासिक अभिनेत्री बन गईं। शाहरुख खान और माधुरी दीक्षित के साथ उनकी अदाकारी को आज भी भारतीय फिल्म इतिहास का स्वर्ण क्षण माना जाता है। यहीं से उनका सफर इंटरनेशनल मंचों की ओर मुड़ गया। ऐश्वर्या पहली भारतीय अभिनेत्री बनीं जिन्होंने कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

2002 की संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ में ऐश्वर्या राय बच्चन का पारो के रूप में अभिनय उनके करियर का निर्णायक और ऐतिहासिक मोड़ माना जाता है। फिल्म की रिलीज ने न सिर्फ भारतीय सिनेमा में भव्यता का नया मानक तय किया, बल्कि ऐश्वर्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कर दिया।​

घायल होकर भी शूटिंग करती रहीं

फिल्म ‘देवदास’ की शूटिंग के दौरान एक हादसा लगभग जानलेवा साबित हुआ था। IMDb के अनुसार, एक सीन में इस्तेमाल की गई तेज हवा की मशीन (wind machine) के साथ दुर्घटना हुई, जिससे एक तकनीशियन की मौत हो गई और दूसरे को गंभीर चोटें आईं। इस दुर्घटना के दौरान ऐश्वर्या राय बच्चन उस सेट पर मौजूद थीं, और मशीन से उड़े मलबे से वे भी घायल हो गई थीं । बावजूद इसके, ऐश्वर्या ने शूट पूरा किया। यह घटना उनके प्रोफेशनलिज्म की मिसाल बन गई।

भंसाली ने ऐश्वर्या राय की आंखों को बताया ‘देवदास’ की आत्मा

संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म ‘देवदास’ के 20 साल पूरे होने के मौके पर फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि ऐश्वर्या राय की आंखें उनके सौंदर्य का सबसे अहम हिस्सा हैं और उनकी आंखों में इतनी शक्ति है कि बिना संवाद के भी वे सारे भाव व्यक्त कर सकती हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ‘देवदास’ में नायिका पारो के रूप में ऐश्वर्या की आंखों ने पूरी कहानी को जीवंत बना दिया।

ऐश्वर्या ने रचा इतिहास, कान्स में भारत का परचम

साल 2002 में ‘देवदास’ के प्रीमियर के दौरान ऐश्वर्या पहली भारतीय अभिनेत्री बनीं जिन्होंने कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारत का औपचारिक प्रतिनिधित्व किया। उस समय शाहरुख खान और ऐश्वर्या की रेड कार्पेट पर मौजूदगी, आज भी भारतीय सिनेमा के लिए यादगार इतिहास बन गया। अगले ही वर्ष 2003 में उन्हें कान्स जूरी में शामिल किया गया, जिससे वे इस प्रतिष्ठित भूमिका निभाने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री बनीं।

ऐश्वर्या का ‘देवदास’ से हॉलीवुड तक का सफर

ऐश्वर्या राय बच्चन ने ‘देवदास’ के बाद बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों ही जगह अपनी अलग पहचान बनाई। उनके करियर के बारे में एक रोचक किस्सा यह है कि ‘देवदास’ की शूटिंग के बाद उन्होंने सीमाएं तोड़ते हुए हॉलीवुड फिल्मों जैसे ‘ब्राइड एंड प्रेजुडिस,’ ‘द लास्ट लीजन,’ और ‘द पिंक पैंथर 2’ में भी काम किया। बॉलीवुड में उन्होंने ‘गुरु,’ ‘जोधा अकबर,’ ‘धूम 2,’ ‘रावण,’ और ‘जज्बा’ जैसी फिल्मों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। खास तौर पर ‘गुरु’ में अभिषेक बच्चन के साथ उनकी केमिस्ट्री को दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया।

ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन की शादी 20 अप्रैल 2007 को हुई थी।

ऐश्वर्या-अभिषेक की शादी: सादगी में शाही भव्यता का संगम

2007 में ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन की शादी को बॉलीवुड की ‘रॉयल वेडिंग’ कहा गया था, क्योंकि यह सिर्फ दो कलाकारों का ही नहीं, बल्कि दो प्रतिष्ठित फिल्म परिवारों का मिलन था। शादी 20 अप्रैल 2007 को मुंबई में बंगाली और तुलु रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। यह समारोह तीन दिनों तक फैला था, जिसमें मेहंदी, संगीत, और शादी की रस्में शामिल थीं।

ऐश्वर्या ने शादी के लिए नीता लुल्ला का डिजाइन किया हुआ पारंपरिक कंजीवरम सिल्क का सुनहरा साड़ी पहना था, जो अपनी खूबसूरती और शास्त्रीय रंग के कारण यादगार रहा। अभिषेक ने सुनहरे कढ़ाई वाले क्रीम शेरवानी और पगड़ी पहनी थी। शादी बेहद प्राइवेट रखी गई थी, जहां मेहमानों की संख्या सीमित थी और मीडिया को न्यूनतम पहुंच दी गई थी।

ऐश्वर्या ने अपनी शादी में साउथ इंडियन फ्लेवर डालने के लिए संगीतकारों की एक छोटी टीम को भी आमंत्रित किया था। इस शादी को बॉलीवुड की पहली ऐसी शादी माना गया, जिसमें इतनी सादगी के साथ भव्यता का संगम था और इसने तब के बॉलीवुड शादियों के स्टाइल और रीति-रिवाजों पर एक नया मापदंड स्थापित किया था।

ऐश्वर्या कहती हैं कि मां बनना उनकी जिंदगी की सबसे खूबसूरत भूमिका है।

ऐश्वर्या ने मातृत्व को दिया फिल्मों पर तरजीह

2011 में बेटी आराध्या के जन्म के बाद, ऐश्वर्या ने फिल्मों से दूरी बना कर मातृत्व पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपनी बेटी को जीवन की सबसे अनमोल देन बताया है। ऐश्वर्या ने विभिन्न बार मीडिया के सामने यह भाव साझा किया कि आराध्या ने उनके जीवन में खुशियों और नई जिम्मेदारियों को जोड़ा है और उनका फोकस अब परिवार पर ही रहा।

इस फैसले के पीछे उनकी मातृत्व की प्राथमिकता स्पष्ट दिखती है, जिसने उन्हें फिल्मों से दूर रहकर मां बनने का आनंद लेने का मौका दिया। इस बारे में ऐश्वर्या के कई इंटरव्यू में उन्होंने इस बात को खास तौर पर बताया है कि आराध्या उनका सबसे बड़ा खजाना है, जिसने उन्हें पूरी तरह से जीवन का एक नया अर्थ दिया है। इसके अलावा, उन्होंने कभी-कभी यह भी कहा कि मां बनना एक बेहद खूबसूरत और बदल देने वाला अनुभव होता है, जिसे उन्होंने पूरी भावनात्मक गहराई से जिया है।

गरिमा, मेहनत और संतुलन की मिसाल

ऐश्वर्या राय बच्चन को हमेशा उनके अनुशासन, व्यावसायिकता और सादगी के लिए सराहा गया।उन्होंने कभी विवादों या पब्लिसिटी स्टंट का सहारा नहीं लिया। उनका फोकस हमेशा काम, परिवार और आत्मिक विकास पर ही रहा। ऐश्वर्या की यात्रा सिर्फ सफलता की कहानी नहीं है — यह साबित करती है कि मेहनत, संयम और आत्मविश्वास मिलकर कैसी ऊंचाइयां दिला सकते हैं।मॉडलिंग रनवे से मिस वर्ल्ड का मंच, बॉलीवुड से हॉलीवुड तक और फिर मां के रूप में नई भूमिका — हर पड़ाव पर ऐश्वर्या राय बच्चन ने गरिमा और संतुलन से भारतीय महिला की नई परिभाषा गढ़ी है।

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